6 करोड़ से अधिक का हुआ सेटलमेंट, वरिष्ठ न्यायमूर्ति रविन्द्र कुमार अग्रवाल की उपस्थिति में संपन्न हुआ आयोजन
रायगढ़ (आदिनिवासी)। जिला न्यायालय रायगढ़ समेत तहसील न्यायालय सारंगढ़, घरघोड़ा, धरमजयगढ़, खरसिया और बिलाईगढ़ में आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ। इसमें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रविन्द्र कुमार अग्रवाल मुख्य अतिथि रहे।
न्यायमूर्ति अग्रवाल ने रायगढ़ के न्यायालयीन परिसर में मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार जैन, प्रबोध टोप्पो, और कई अन्य न्यायाधीश और अधिवक्ता उपस्थित थे।
मामले और उनके समाधान
इस लोक अदालत में कुल 26,054 प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 16,076 का निपटारा किया गया। इनमें 3,966 लंबित और 12,110 प्रीलिटिगेशन मामले थे। इन सभी मामलों का निपटारा राजीनामा के आधार पर किया गया, जिसमें कुल 6 करोड़ 69 लाख 22 हजार 714 रुपये का सेटलमेंट हुआ।
विशेष रूप से, 05 वर्ष से अधिक पुराने 39 मामले, वरिष्ठ नागरिकों के 05 मामले, और महिलाओं के 33 लंबित मामलों का भी निपटारा किया गया। राजस्व न्यायालयों में खातेदारों के मध्य आपसी बंटवारे, वारिसों के बंटवारे, और कब्जे के आधार पर बंटवारे के कुल 12,302 मामलों में से 12,006 का निराकरण हुआ।
ऐतिहासिक पहल
इस लोक अदालत में एक ऐतिहासिक मामला भी निपटाया गया, जिसमें न्यायमूर्ति अग्रवाल की उपस्थिति में पति-पत्नी के बीच घरेलू हिंसा का मामला सुलझाया गया। पति ने अपनी पत्नी को घर ले जाने का वचन दिया, और पोर्टफोलियो जज ने बच्चों को माता-पिता की सेवा करने का महत्व समझाया। न्यायमूर्ति अग्रवाल ने इस अवसर पर पौधा भी वितरित किया, जिससे पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाई गई।
भरण-पोषण का मामला
परिवार न्यायालय रायगढ़ में भरण-पोषण के एक मामले में भी न्यायमूर्ति अग्रवाल ने पक्षकारों को समझाईश दी और प्रकरण का निराकरण किया गया। इसमें अनावेदक पुत्र ने अपने माता-पिता को 10-10 हजार रुपये प्रति माह भरण-पोषण की राशि देने पर सहमति दी।
न्यायमूर्ति अग्रवाल ने रायगढ़ प्रस्थान से पहले न्यायाधीशों को अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण करने और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए पौधारोपण भी किया।