गुरूवार, नवम्बर 7, 2024

पाकिस्तान में सियासी घमासान LIVE:अटॉर्नी जनरल इमरान का बचाव करने के लिए तैयार नहीं, इस्लामाबाद में फौज तैनात; SC का फैसला रात 8 बजे

Must Read

पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने और नेशनल असेंबली भंग किए जाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट रात 8 बजे फैसला सुनाएगा। इसी बीच, इस्लामाबाद में पाक फौज और रेंजर्स तैनात कर दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आसपास भी सुरक्षा इंतजाम बेहद सख्त कर दिए गए हैं। अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान की दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने कहा- ये साफ है कि डिप्टी स्पीकर का फैसला संविधान के खिलाफ है।

खास बात यह है कि जस्टिस बांदियाल की बात सुनने के बाद खालिद सुप्रीम कोर्ट से ही चले गए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला डिप्टी स्पीकर और इमरान खान पर भारी पड़ने वाला है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच के सामने अटॉर्नी जनरल ने कहा- NSC (नेशनल सिक्योरिटी कमेटी) की बैठक से जुड़ी बातें सबके सामने कोर्ट में नहीं रखी जा सकतीं। उन्होंने दावा किया कि अविश्वास प्रस्ताव तो 28 मार्च को ही खारिज कर दिया गया था।

इससे पहले जस्टिस मंदोखेल ने कहा- भले ही अविश्वास प्रस्ताव पर डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने फैसला सुनाया हो, लेकिन उसपर हस्ताक्षर स्पीकर असद कैसर के हैं।

सब संविधान के हिसाब से हो रहा, तो दिक्कत कहां है
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के वकील अली जफर ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा। चीफ जस्टिस ने जफर से पूछा- अगर सब संविधान के हिसाब से ही चल रहा है तो फिर परेशानी कहां है? अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करना अनुच्छेद 95 का उल्लंघन है। अब अगर देश में चुनाव कराए गए तो इसमें अरबों रुपए का खर्च आएगा।

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की बुधवार देर रात जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि फॉरेन मिनिस्ट्री के सीनियर अफसरों ने अमेरिका का नाम लिए जाने पर सख्त ऐतराज जताया है। इन अफसरों के मुताबिक, सरकारें और नेता बदलते रहते हैं, लेकिन इस सरकार ने जो किया है उसका पाकिस्तान को बहुत सख्त और बहुत लंबे समय तक खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, फॉरेन मिनिस्ट्री के अफसरों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा- अब हमारे एम्बेसेडर्स भी विदेश मंत्रालय को खुलकर सारी बातें नहीं बताएंगे। उनके जेहन में यह डर बन गया है कि उनके किसी लेटर को कभी भी पब्लिक डोमेन में लाया जा सकता है, जबकि ये साफ तौर पर सीक्रेट होते हैं। अमेरिका और यूरोप से संबंधों पर इसका बहुत गहरा असर होगा। हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि हमारे डिप्लोमैट्स ही दुनिया में हमारे आंख और कान होते हैं।

विपक्षी दलों के संगठन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के चीफ मौलाना फजल-उर-रहमान ने बुधवार रात साफ कर दिया कि गठबंधन अब कोर्ट के अलावा सड़कों पर भी इमरान खान का मुकाबला करेगा। रहमान ने एक चैनल से बातचीत में कहा- जिस तरह से अविश्वास प्रस्ताव खारिज किया गया और जिस तरह से नेशनल असेंबली को भंग किया गया, उससे ये साफ हो जाता है कि इमरान का संविधान में यकीन नहीं है और वो सिर्फ सत्ता से चिपके रहना चाहते हैं। वो हमें गद्दार करार देते हैं। अब हम हर हाल में सड़कों पर उतरेंगे और अवाम ही इमरान को बताएगी कि कौन गद्दार है।

- Advertisement -
  • nimble technology
Latest News

छत्तीसगढ़ का परंपरागत पर्व: पोरा तिहार – लोक संस्कृति की अनूठी धरोहर!

हरेली के एक महीने बाद भाद्रपद अमावस्या को मनाया जाता है पोरा पर्व, बच्चों को दी जाती है पारंपरिक...

More Articles Like This